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Continueनसीवाला की कहानी एक ऐसे बदनसीब बच्चे की कहानी है जो बचपन में ही अनाथ हो जाता है। शंकर अमर को अपने घर ले आता है। शंकर की पत्नी शारदा अमर को बेटा बनाकर घरमें रख लेती है। अशोक और विनोद दो बेटों और एक बेटी शीला के साथ अमर भाई बनकर रहने लगता है। समय गुज़रता है। शंकर भगवान को प्यारा हो जता है। शारदा सिलाई की मशीन चलाकर घर चलाने लगती है। अमर मोटर मेकैनिक बनकर एक गॅरेज खोल लेता है और घर चलाने और बहन भाईयों को पढ़ाने में माँ की मदद करता है।
लालवानी शहर का एक बहुत बड़ा कंजूस सेठ है। उसकी दो बेटियाँ है - रीटा, आशा और एक बेटा है गंगाराम। रीटा का प्यार अशोक से होता है। और आशा का अमर से...
अशोक वकील बन जाता है और रीटा शादी करके लालवानी के घर उसका जँवाई बनकर रहने लगता है। विनोद शहर के एक बदनाम स्मल्गर रॉकी के गिरोह में शामिल हो जाता है। एक दिन स्मग्लिंग का माल शारदा के घर में मिलता है। अमर अपने भाई विनोद को बचाने के लिये इल्ज़ाम अपने ऊपर लेकर गिरफ़तार हो जाता है। शारदा असलियत जान जाती है और चाहती है कि विनोद अपने आप को क़ानून के हवाले कर दे। लेकिन विनोद घर छोड़ कर चला जाता है।
रात को देर से घर आने पर शारदा और शीला में झगड़ा होता है और शीला भी घर छोड़कर चली जाती है।
एक एक करके सभी शारदा को छोड़ कर चले जाते है। शारदा अकेली रह जाती है। ऐसे में आशा अपने पिता का घर छोड़कर हमेशा के लिये शारदा के पास आकर रहने लगती है।
गंगाराम अपने पिता के रूपये चुराकर अमर को जमानत पे छुड़ाता है। लालवानी गुस्से में आकर गंगाराम, उसकी पत्नी शोभा, अशोक और रीटा सभी को घरसे निकाल देता है।
अमर घर वापस आकर विनोद और शीला की तलाश में निकलता है। शीला मिल जाती है लेकिन मालूम पड़ता है कि वह उसी के एक सहपाठी राम के बच्चे की माँ बनने वाली है। राम की माँ अपने बेटे से शीला की शादी करने के लिए एक लाख का दहेज माँगती है। अमर एक लाख का इन्तज़ाम करने निकलता है कि रॉकी के अदमी उसे पकड़कर राॅकी के पास ले जाते है। रॉकी कहता है - मेरे लिये काम कर वरना विनोद को जो उसके पास कैद है - ख़त्म कर दिया जाएगा। विनोद को बचाने के लिये अमर भी राॅकी के गिरोह में शामिल हो जाता है।
अमर रॉकी को छुड़ाने में कामयाब होता है या वो भी रॉकी के चंगुल में फंस जता है। शीला की राम से शादी होती है या भाइयों की तरह वह भी रास्ता भटक जाती है। शारदा का बिछुड़ा हुआ परिवार वापस आकर उससे मिलता है या उसे केवल आशा के सहारे ही जीवन बिताना पड़ता है...
यह सब जानने के लिये देखिये... देवेन्दर गिल प्रॉडक्शन्स का रंगीन मनोरंजक चित्र "नसीबवाला"।
(From the official press booklet)